Friday, December 19, 2025
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शेयर मार्केट क्या होता है । कैसे ट्रेड करते है और ट्रेडिंग के लिए किन चीजो को फोलो करना चाहिए । ट्रेडिंग के लिए DEMAT ACCOUNT कैसे खोले -उदाहरण सहित जानिए शेयर मार्केट के ट्रेडिंग में फायदा और नुकसान कैसे होता है –

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग से फायदा और नुकसान कैसे होता होता है । उदाहरण सहित जानिए –

शेयर मार्केट क्या होता है?

शेयर मार्केट (Stock Market) वह जगह है जहां कंपनियों के शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं। यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां निवेशक (Investors) और ट्रेडर्स (Traders) एक-दूसरे के साथ व्यापार करते हैं।

Image Credit- freepic

Forex Trade Graph Chart Concept

आपको समझाने के लिए उदाहरण सहित बताया गया है –

सब्जी मंडी में एक

किसान है वो जाता है अपने जो आलू उसने उगा रखे हैं उसको ₹10 पर केजी के रेट पर वो सेल करके आ जाता है एक ट्रेडर को तो यहां पर किसान ने कितने रेट पर अपने आलू बेचे हैं उसने बेचे हैं ₹10 पर केजी के रेट पर लेकिन जब आप आलू खरीदने मार्केट जाते हैं तो वहां पर क्या आपको ₹10 के रेट पर आलू मिलेंगे नहीं वहां पर जो ट्रेडर है वो

आलू को ₹10 में खरीदा और ₹12 में बेचा तो यही तो ट्रेडिंग है इसी तरीके से पैसा कमाया जाता है स्टॉक मार्केट में भी ट्रेडिंग इसी तरीके से होता है अब मान लीजिए कि वह जो आलू उसने खरीदे थे उसने 1000 किलो आलू खरीदे थे और कितने रेट प खरीदे थे ₹10 के रेट पर खरीदे थे तो यहां पर उसने कितने रुपए लगाए थे उसने ₹10000  इन्वेस्ट किए थे अब उसके बाद उसने आलू को किस रेट पर बेचा उसके पास वही 1000 किलो आलू हैं और उसने उस आलू को बेचा ₹12 पर केजी के रेट पर तो यहां पर उसको मिलेंगे कितने रुपए ₹12000  तो उसने पहले ₹10000 लगाए और उसके बाद उसको ₹12000 मिले तो उसको यहां पर कितने का फायदा हो गया ₹2000 का फायदा हुआ . इसी तरह से  कंपनी के शेयर की प्राइस है ₹10 का एक शेयर है जिसकी आपने 1000 क्वांटिटी खरीद ली है और इसके लिए आपको सब्जी मंडी जाने की भी जरूरत नहीं है अभी तो आपने क्या किया आपने देखा एक शेयर की प्राइस चल रही है अभी ₹10 और

क्या मोबाइल से शेयर मार्केट में  ट्रेडिंग कर सकते है –

आप अपने मोबाइल फोन से ही ट्रेडिंग कर सकते हैं उसके लिए एक DEMAT ACCOUNT की जरुरत होती है आज के समय बहुत सारे नाम से TRADING APPLICATION उपलब्ध है . यदि आप के पास भी TRADING ACCOUNT नही है तो नीचे दिए गये लिंक से अपना DEMAT ACCOUNT खोल सकते है

आपके पास ₹10000 थे तो आपने ₹10 वाले 1000 शेयर्स खरीद लिए तो टोटल आपने कितना इन्वेस्टमेंट किया आपने ₹10000 का इन्वेस्टमेंट किया अब आपके खरीदने के बाद क्या होता है कि उस शेयर की प्राइस बढ़कर चली जाती है ₹12  पर  तो आपके पास 1000 शेयर हैं और अब प्राइस जा चुकी है ₹12  पर  तो यहां पर आपके जो शेयर्स की वैल्यू होगी वो कितनी होगी वो होगी ₹12  तो आपने ₹10 के रेट पे 1000 शेयर्स खरीदे ₹10000 लगाए और जब आपने उन्हें बेचा तो आपने ₹12  के रेट पे बेचा और आपको ₹12000  मिले और ऐसे आपने ₹2000का फायदा कमा लिया

मुख्य रूप से दो प्रकार के शेयर मार्केट होते हैं:

  1. प्राइमरी मार्केट (Primary Market):
    इसमें कंपनियां अपने नए शेयर को पब्लिक के लिए जारी करती हैं, जिसे IPO (Initial Public Offering) कहते हैं।
  2. सेकेंडरी मार्केट (Secondary Market):
    इसमें पहले से जारी किए गए शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं। भारत में दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज हैं:
    • एनएसई (NSE – National Stock Exchange)
    • बीएसई (BSE – Bombay Stock Exchange)

शेयर मार्केट में निवेश क्यों करें?

  1. लॉन्ग-टर्म ग्रोथ:
    शेयर मार्केट में सही निवेश से धन बढ़ाने का एक अच्छा तरीका है।
  2. डाइवर्सिफिकेशन:
    आप अपने पोर्टफोलियो को अलग-अलग क्षेत्रों में बांट सकते हैं।
  3. मुनाफा कमाने का अवसर:
    कीमतों में बढ़ोतरी से आपको लाभ हो सकता है।

ट्रेडिंग क्या है?

ट्रेडिंग का मतलब है कि आप शेयरों को कम समय के लिए खरीदते और बेचते हैं ताकि कीमतों में छोटे-छोटे उतार-चढ़ाव से लाभ कमा सकें।

ट्रेडिंग के मुख्य प्रकार:

  1. इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading):
    एक ही दिन के भीतर शेयरों को खरीदना और बेचना।
  2. स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading):
    कुछ दिनों या हफ्तों तक शेयर रखने के बाद बेचना।
  3. पोजिशनल ट्रेडिंग (Positional Trading):
    लंबे समय तक निवेश करने के बाद शेयर बेचना।

ट्रेडिंग कैसे शुरू करें?

1. ब्रोकर अकाउंट खोलें:

ट्रेडिंग के लिए आपको डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलना होगा। ये अकाउंट आपके स्टॉक्स को इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखने और खरीद-फरोख्त के लिए इस्तेमाल होते हैं।

  • लोकप्रिय ब्रोकर: Zerodha, Upstox, Angel One आदि।

क्या मोबाइल से शेयर मार्केट में  ट्रेडिंग कर सकते है –

आप अपने मोबाइल फोन से ही ट्रेडिंग कर सकते हैं उसके लिए एक DEMAT ACCOUNT की जरुरत होती है आज के समय बहुत सारे नाम से TRADING APPLICATION उपलब्ध है . यदि आप के पास भी TRADING ACCOUNT नही है तो नीचे दिए गये लिंक से अपना DEMAT ACCOUNT खोल सकते है

यदि आप ने अपना DEMAT ACCOUNT नही खोला है तो निचे दिए गये लिंक से अपना DEMAT ACCOUNT खोल सकते है –https://angel-one.onelink.me/Wjgr/otzc4m05

2. बाजार की समझ विकसित करें:

शेयर मार्केट के बुनियादी नियमों और प्रक्रियाओं को समझें। इसके लिए आप निम्न का अध्ययन कर सकते हैं:

  • कंपनियों की बैलेंस शीट।
  • तकनीकी चार्ट और इंडिकेटर्स।
  • बाजार की खबरें और आर्थिक अपडेट।

3. लघु और दीर्घकालिक लक्ष्य तय करें:

  • आप लॉन्ग-टर्म निवेश करना चाहते हैं या शॉर्ट-टर्म ट्रेडिंग, यह पहले से तय करें।

4. सही शेयर का चयन करें:

  • उच्च वॉल्यूम और लिक्विडिटी वाले स्टॉक्स का चुनाव करें।
  • उन कंपनियों में निवेश करें जिनका प्रदर्शन अच्छा हो।

5. लॉस और प्रॉफिट की सीमा तय करें:

  • हर ट्रेड के लिए एक स्टॉप-लॉस लगाएं ताकि आप बड़े नुकसान से बच सकें।
  • मुनाफा लेने का लक्ष्य पहले से निर्धारित करें।

शेयर मार्केट में नुकसान(LOSS) कैसे होता है –

 चलिए इस नुकसान को समझने के लिए भी हम सब्जी मंडी वाले उदहारण  पर चलते हैं और वहां से समझते हैं कि ट्रेडिंग में नुकसान कैसे होता है तो वही अभी तो आपने क्या किया आपने देखा एक शेयर की प्राइस चल रही है अभी ₹10  पर केजी के रेट पर आलू हैं जो कि एक किसान आता है और एक ट्रेडर को बेचकर चला जाता है कितने आलू 1000 किलो आलू तो उस किसान को वह जो सब्जी मंडी में बैठा हुआ ट्रेडर है वह कितने रुपए देता है वो देता है उसको  ₹10000 

अब ट्रेडर के पास ₹10000 के आलू पड़े हुए हैं लेकिन इसके बाद होता क्या है कि आलू के जो दाम है ना वो घट जाते हैं और उसकी प्राइस हो जाती है ₹8  अब ऐसे में वो जिस ट्रेडर ने आलू खरीद के रखे हुए हैं उसके लिए प्रॉब्लम यह है कि अगर वह इस आलू को बेचेगा नहीं तो सारे आलू खराब हो जाएंगे तो उसने ₹10 पर केजी के रेट पर आलू खरीदे और अब उसे मजबूरन ₹ पर  केजी के रेट पर आलू को बेचना पड़ रहा है क्योंकि आलू की प्राइस घट चुकी है बाकी सब ₹ 8 पर केजी के रेट पर  बेच रहे हैं तो उसको भी बेचना ही पड़ेगा और इस वजह से उसको वह  1000 किलो आलू 8 के रेट पर बेचना पड़ता है और यहां पर मिले उसको कितना ₹8000 मिला तो पहले ₹10000 में यानी महंगा खरीदा बाद में सस्ते में बेचना पड़ा और ऐसे उसको नुकसान हो गया अब वापस से इसको शेयर मार्केट में लेके चलिए मान लीजिए आपने ₹10 के रेट पर शेयर  खरीदा आपने 1000 शेर खरीदे और ₹10000 लगा दिए लेकिन आप के खरीदने के बाद शेयर की प्राइस घटकर 8 आ गई और आपको वो शेयर बेचने हैं तो आपने 1000 शेयर ₹ के रेट पर आपको बेचने पड़ रहे हैं क्योंकि प्राइस गिर चुकी है वैसे मैं यहां पर आपको बता दूं कि ऐसा कंपलसरी नहीं होता है कि आपने शेयर खरीदा है तो आपको आज के आज ही बेचना है वो एक डिफरेंट टाइप की ट्रेडिंग होती है जिसमें कंपलसरी होता है लेकिन अगर आप लॉन्ग टर्म इन्वेस्टिंग कर रहे हैं वहां पर कंपलसरी नहीं है  अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग करते हैं तो वहां पर कंपलसरी होता है .

INTRADAY TRADING क्या होती है –

इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading), जिसे डेली ट्रेडिंग भी कहा जाता है, एक ऐसा ट्रेडिंग तरीका है जिसमें एक ही दिन के अंदर शेयर या अन्य वित्तीय साधनों (financial instruments) को खरीदा और बेचा जाता है। इसका उद्देश्य दिन के भीतर कीमतों में होने वाले छोटे-छोटे उतार-चढ़ाव से मुनाफा कमाना होता है।

इंट्राडे ट्रेडिंग के मुख्य पहलू:

  1. एक ही दिन में लेन-देन:
    1. इस प्रकार की ट्रेडिंग में खरीदी गई संपत्ति (जैसे शेयर) को उसी दिन बेच दिया जाता है।
    1. यदि आप अपनी पोजीशन को क्लोज़ नहीं करते, तो आपका ब्रोकर इसे दिन के अंत में ऑटोमेटिकली स्क्वायरऑफ कर देता है।
  2. प्रॉफिट कमाने का उद्देश्य:
    1. इंट्राडे ट्रेडर्स का लक्ष्य बाजार में छोटे मूवमेंट्स (price movements) से लाभ उठाना है।
    1. ये छोटे मूवमेंट्स सप्लाई और डिमांड, खबरें, या तकनीकी विश्लेषण पर आधारित हो सकते हैं।
  3. मार्जिन ट्रेडिंग:
    1. इंट्राडे ट्रेडिंग में ब्रोकर आपको मार्जिन उपलब्ध कराता है। इसका मतलब है कि आप अपने निवेश से कई गुना अधिक राशि का लेनदेन कर सकते हैं।
    1. हालांकि, यह रिस्क को भी बढ़ाता है क्योंकि अगर कीमत आपके पक्ष में नहीं जाती, तो नुकसान भी अधिक हो सकता है।
  4. तकनीकी विश्लेषण (Technical Analysis):
    1. इंट्राडे ट्रेडिंग में चार्ट्स, इंडिकेटर्स, और पैटर्न्स का उपयोग किया जाता है।
    1. जैसे: कैंडलस्टिक पैटर्न, मूविंग एवरेज, RSI, MACD आदि।
  5. वॉल्यूम और लिक्विडिटी:
    1. इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए हमेशा उन शेयरों का चयन किया जाता है जिनमें वॉल्यूम और लिक्विडिटी ज्यादा होती है ताकि खरीदने और बेचने में आसानी हो।

  1. सही स्टॉक का चयन करें:
    1. ऐसे स्टॉक्स चुनें जिनमें उतार-चढ़ाव और वॉल्यूम अधिक हो।
  2. लक्ष्य और स्टॉप-लॉस तय करें:
    1. हर ट्रेड के लिए प्रॉफिट और लॉस की सीमा पहले से तय करें।
    1. स्टॉप-लॉस लगाने से आप बड़े नुकसान से बच सकते हैं।
  3. मार्केट ट्रेंड को समझें:
    1. बाजार की चाल को समझना और सही समय पर एंट्री और एग्जिट करना महत्वपूर्ण है।
  4. भावनाओं पर नियंत्रण:
    1. लालच या डर के कारण गलत निर्णय न लें। अपनी रणनीति पर डटे रहें।

इंट्राडे ट्रेडिंग के फायदे:

  1. कम समय में प्रॉफिट:
    1. एक ही दिन में मुनाफा कमाने का मौका मिलता है।
  2. मार्जिन का लाभ:
    1. कम पूंजी में बड़े लेन-देन संभव हैं।
  3. मार्केट पर नजर रखने का मौका:
    1. लगातार सीखने और मार्केट को समझने का अवसर मिलता है।

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